नवरात्रि का पांचवां दिन देवी स्कंदमाता, भगवान कार्तिकेय की माता की पूजा के लिए समर्पित है। स्कंदमाता अपनी बुद्धि, शक्ति और साहस के लिए जानी जाती हैं। वह अपनी करुणा और अपने बच्चों के प्रति अपने प्यार के लिए भी जानी जाती हैं।
नवरात्रि के पांचवें दिन श्रद्धालु देवी स्कंदमाता की पूजा अर्चना करते हैं। वे उन्हें भोग भी अर्पित करते हैं, जो आमतौर पर दूध और चीनी से बनी एक मिठाई होती है।
यहां कुछ चीजें हैं जो आप नवरात्रि के पांचवें दिन कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते हैं:
नवरात्रि का पांचवां दिन करें:
- देवी स्कंदमाता की पूजा करें और उन्हें भोग अर्पित करें।
- स्कंदमाता मंत्र का जाप करें: “ॐ देवी स्कंदमाता नमः।”
- स्कंदमाता कथा पढ़ें।
- पूरे दिन उपवास करें या केवल हल्का भोजन करें।
- लाल या नारंगी कपड़े पहनें।
- देवी स्कंदमाता के गुणों पर ध्यान करें: ज्ञान, शक्ति, साहस, करुणा और प्रेम।
नवरात्रि का पांचवां दिन न करें ये काम:
- मांस, मछली या अंडे न खाएं।
- शराब न पीएं।
- सिगरेट न पीएं।
- यौन क्रियाओं में शामिल न हों।
- दूसरों के साथ बहस या लड़ाई न करें।
- झूठ या गपशप न करें।
उपरोक्त के अलावा, यहां कुछ अन्य चीजें हैं जो आप नवरात्रि के पांचवें दिन कर सकते हैं:
- किसी स्कंदमाता मंदिर में जाएं।
- दान करें।
- गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें।
- पेड़ लगाएं।
- अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं।
नवरात्रि का पांचवां दिन देवी स्कंदमाता की पूजा करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक शक्तिशाली दिन है। उपरोक्त दिशानिर्देशों का पालन करके, आप इस शुभ दिन का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।