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एकादशी व्रत: आध्यात्मिकता, महत्व और वैज्ञानिक पहलू

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एकादशी

एकादशी हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक चंद्र मास में आने वाली ग्यारहवीं तिथि (11वीं तिथि) को कहते हैं। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे व्रत, उपवास, और ध्यान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

एकादशी का धार्मिक महत्व:

  • एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और पापों के प्रायश्चित हेतु किया जाता है।
  • शास्त्रों में कहा गया है कि एकादशी के दिन व्रत करने से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है।
  • भागवत पुराण, पद्म पुराण और अन्य ग्रंथों में इसका विस्तृत वर्णन है।
  • एकादशी व्रत कथा और व्रत का पालन करने से मानसिक और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।

एकादशी का वैज्ञानिक पक्ष:

  • एकादशी के दिन उपवास करने से शरीर में जमा विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।
  • पाचन तंत्र को आराम मिलता है, जिससे शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है।
  • चंद्रमा की स्थिति के कारण इस दिन मानसिक स्थिरता और एकाग्रता बढ़ जाती है।
एकादशी व्रत

एकादशी व्रत कैसे करें?

क दिन पहले (दशमी) सात्विक भोजन करें और तामसिक भोजन से बचें।

एकादशी के दिन सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करें।

व्रत रखें — निर्जल, फलाहार या जल ग्रहण करके (स्वास्थ्य अनुसार)।

विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।

अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करें।

कुछ प्रसिद्ध एकादशी व्रत:

  • निर्जला एकादशी – सभी एकादशियों का फल एक साथ देती है।
  • कामदा एकादशी – पापों से मुक्ति और मोक्ष प्रदान करती है।
  • पद्मिनी, अजा, वैकुण्ठ, पापमोचनी एकादशी – हर एक का अपना विशेष महत्व है।

निष्कर्ष

एकादशी न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्व रखती है, बल्कि यह शरीर और मन को शुद्ध करने का एक वैज्ञानिक तरीका भी है। नियमित रूप से एकादशी का व्रत करने से आत्मिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

Karnataka SSLC Exam 2 Result 2025 OUT: जानें कितने छात्रों को मिली दूसरी चांस में सफलता

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बेंगलुरु: कर्नाटक स्कूल एग्जामिनेशन एंड असेसमेंट बोर्ड (KSEAB) ने SSLC Exam 2 Result 2025 को आज, 13 जून को आधिकारिक रूप से जारी कर दिया है। यह परीक्षा उन छात्रों के लिए आयोजित की गई थी जो SSLC Exam 1 में पास नहीं हो सके थे। अब छात्रों को अपनी दूसरी चांस की मेहनत का फल मिल चुका है।

Highlight: कुल 87,330 छात्र सफल रहे हैं और कुल पास प्रतिशत 56.14% दर्ज किया गया है।

यह रिज़ल्ट क्यों है ख़ास?

इस सप्लीमेंटरी परीक्षा में उन छात्रों ने भाग लिया जिनका मूल परीक्षा में प्रदर्शन कमजोर था। इसके माध्यम से राज्य सरकार ने उन्हें ‘दूसरा अवसर’ प्रदान किया।

शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा:
“यह रिज़ल्ट दर्शाता है कि छात्र जब मौका मिलता है तो वो बेहतर कर सकते हैं। खासकर सरकारी स्कूलों के छात्रों का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा है।”

ऐसे करें अपना रिज़ल्ट चेक

छात्रों को अपना रिज़ल्ट देखने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करने होंगे:

  • वेबसाइट:
    karresults.nic.in
    kseab.karnataka.gov.in
  • जानकारी भरें:
  • रजिस्ट्रेशन नंबर
  • जन्म तिथि (DD/MM/YYYY)
  • डाउनलोड करें और प्रिंट निकालें

आंकड़े जो आपको जानने चाहिए:

कैटेगरीआंकड़ा
कुल उपस्थित छात्र1.55 लाख
पास हुए छात्र87,330
कुल पास प्रतिशत56.14%
सरकारी स्कूल पास प्रतिशत36.65%
निजी स्कूल पास प्रतिशत32.49%

क्या होगा आगे?

जिन छात्रों का अभी भी रिज़ल्ट अनुकूल नहीं आया, उनके लिए SSLC Exam 3 आयोजित किया जाएगा 23 से 30 जून 2025 के बीच। यह अंतिम मौका होगा स्कूल प्रमाणपत्र प्राप्त करने का।

Revaluation और Retotaling:

यदि छात्र अपने अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, तो वे पुनर्मूल्यांकन और अंक पुनर्गणना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसकी अंतिम तिथि जल्दी ही KSEAB की वेबसाइट पर अपडेट की जाएगी।

क्या करें अब?

  • PUC या डिप्लोमा कोर्स के लिए आवेदन करें
  • स्किल डेवेलपमेंट कोर्सेज़ पर भी ध्यान दें
  • भविष्य की तैयारी के लिए करियर काउंसलिंग लें

Housefull 5 Day 6 Collection: हिट या फ्लॉप? जानें अब तक की कमाई का पूरा हाल

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Housefull 5 Day 6 Collection

Housefull 5 ने रिलीज़ के छह दिन बाद भी बॉक्स ऑफिस पर अपनी पकड़ बनाए रखी है। अक्षय कुमार और अभिषेक बच्चन स्टारर इस मल्टीस्टार कॉमेडी फिल्म ने बुधवार को ₹8 करोड़ का बिज़नेस किया, जिससे इसकी कुल कमाई अब ₹120 करोड़ के करीब पहुँच चुकी है।

क्या फिल्म हिट साबित हो रही है?

फिल्म ने पहले तीन दिन जबरदस्त कलेक्शन करते हुए ₹70 करोड़ से अधिक का आंकड़ा पार कर लिया था। पहले सोमवार को थोड़ी गिरावट जरूर देखी गई, लेकिन मंगलवार और बुधवार को फिर से अच्छी रिकवरी हुई। ट्रेड पंडितों के अनुसार, शुरुआती सप्ताह के आधार पर फिल्म को हिट की कैटेगरी में रखा जा सकता है, लेकिन अंतिम फ़ैसला वीकेंड की कमाई पर निर्भर करेगा।

आलोचनाओं के बीच दर्शकों का समर्थन

जहां फिल्म को कुछ आलोचकों ने ‘अति कॉमिक और दोहरे अर्थ वाले संवादों’ के कारण ट्रोल किया, वहीं बड़े शहरों और सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में दर्शकों ने फिल्म को पसंद किया। खासकर उत्तर भारत और महाराष्ट्र में फिल्म की पकड़ मजबूत बनी हुई है।

तुलना: पिछली फिल्मों से प्रदर्शन

हाउसफुल फ्रेंचाइज़ी की यह पांचवीं फिल्म है और अब तक यह Housefull 3 और Housefull 4 के शुरुआती बिज़नेस को टक्कर दे चुकी है। हालांकि हाउसफुल 4 की Day 6 कमाई करीब ₹15 करोड़ थी, इस बार का ₹8 करोड़ आंकड़ा थोड़ा कम जरूर है, लेकिन स्थिर कमाई इस फिल्म के लिए सकारात्मक संकेत है।

आगे की उम्मीद

फिल्म को अगर आने वाले शनिवार और रविवार को फिर से ₹12-15 करोड़ प्रतिदिन की कमाई मिलती है, तो यह ₹150 करोड़ क्लब में आसानी से पहुंच सकती है। इससे यह फिल्म सुपरहिट घोषित हो सकती है।

‘Housefull 5’ ने साबित किया है कि अगर कंटेंट में मसाला हो और स्टारकास्ट दमदार हो, तो दर्शक थिएटर तक खिंच ही आते हैं। Day 6 तक फिल्म की परफॉर्मेंस मजबूत और स्थिर रही है, जो इसे एक संभावित हिट फिल्म की श्रेणी में लाता है।

Ahmedabad Plane Crash: 240 यात्रियों की जान पर संकट, पीएम मोदी ने लिया ग्राउंड रिपोर्ट

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Ahmedabad Plane Crash ने देश को हिला कर रख दिया है। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 240 से ज़्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि एकमात्र यात्री को जीवित बचा लिया गया है।

बड़ी खबर Ahmedabad Plane Crash पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत अहमदाबाद पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। पीएम ने घायलों से अस्पताल में मुलाकात की और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सभी पीड़ितों को बेहतर इलाज और सहायता मिले।

Ahmedabad Plane Crash पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौत की पुस्टि

अहमदाबाद प्लेन क्रैश लाइव गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को हुए विमान हादसे में भाजपा के वरिष्ठ नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौत हो गई

पीएम मोदी का अहम कदम

हादसे की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जून की सुबह अहमदाबाद का दौरा किया। सबसे पहले वे दुर्घटनास्थल पहुंचे, जहां उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ली।

मोदी ने राहत दलों के कार्यों की सीधी निगरानी की और कहा कि “हर एक ज़िंदगी कीमती है, सरकार हर ज़रूरी कदम उठाएगी।”

अस्पताल में घायलों से की मुलाकात

इसके बाद प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल का दौरा किया और वहां भर्ती घायलों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की। उन्होंने डॉक्टरों को निर्देश दिया कि सभी पीड़ितों को बेहतर से बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाए।

एकमात्र जीवित यात्री

दुर्घटनाग्रस्त विमान में से सिर्फ एक व्यक्ति विशवश कुमार रमेश को जीवित निकाला गया है। उनकी हालत गंभीर है लेकिन स्थिर बताई जा रही है।

सरकार ने दिए जांच का आदेश

सरकार ने इस हादसे की गहन जांच के आदेश दे दिए हैं। इसमें DGCA, एयर इंडिया की टीम, और अंतरराष्ट्रीय विमान सुरक्षा एजेंसियां शामिल होंगी। एयरक्राफ्ट का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है और उसका विश्लेषण किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने मुआवजे की घोषणा

प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹25 लाख की सहायता राशि, जबकि घायलों को ₹10 लाख तक की आर्थिक मदद देने का एलान किया है।

क्या बोले पीएम मोदी

मोदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा:

“यह हादसा बेहद दुखद है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। सरकार राहत और पुनर्वास कार्यों में पूरी तरह समर्पित है।”

ये है कुछ अहम जानकारी

विवरणजानकारी
फ्लाइट नंबरAI171
रूटअहमदाबाद से लंदन गैटविक
विमान प्रकारबोइंग 787 ड्रीमलाइनर
दुर्घटना स्थानमेघाणी नगर, अहमदाबाद
कुल सवार लोग240+
जीवित बचे1 यात्री (विशवश कुमार रमेश)
पीएम मोदी का दौरा13 जून 2025
राहत राशिमृतकों को ₹25 लाख, घायलों को ₹10 लाख
जांच एजेंसियांDGCA, AAIB, NTSB और अन्य

उसने जैसे ही अंधेरे का दरवाज़ा खोला जो हुआ वो किसी ने नहीं सोचा था!

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अंधेरे का दरवाज़ा

अंधेरे का दरवाज़ा

भारत में कई ऐसी डरावनी जगहें हैं जिनके पीछे कहानियाँ छिपी होती हैं। यह डरावनी हिंदी कहानी एक ऐसे दरवाज़े की है जो न तो खुलना चाहिए और न ही बंद होना चाहिए… क्योंकि इसके आर-पार सिर्फ़ मौत है।

गाँव का रहस्य

उत्तराखंड के टेढ़े-मेढ़े पहाड़ों के बीच बसा था एक छोटा सा गाँव — “दुर्गापुर”। लोग मेहनती थे लेकिन एक बात को लेकर हमेशा खामोश रहते थे — गाँव के बाहर एक टूटा-फूटा खंडहर, जिसे सब “अंधेरे का दरवाज़ा” कहते थे।

यह दरवाज़ा गाँव से दूर जंगल में स्थित था और लोगों का मानना था कि वहाँ कोई आत्मा रहती है। भूतिया अनुभव और रात में अजीब-अजीब आवाजें लोगों को डरा देती थीं। जो भी उस दरवाज़े के पास गया, वापस नहीं आया।

2. मुख्य किरदार: प्रिया और अर्जुन

प्रिया एक युवा पत्रकार थी जो डरावनी कहानियों की सच्चाई जानने में विश्वास रखती थी। वह इंटरनेट पर पढ़ी गई हॉरर स्टोरी इन हिंदी को सच्चाई में बदलने का हौसला रखती थी। उसके साथ था उसका बचपन का दोस्त अर्जुन।

दोनों ने मिलकर तय किया कि इस रहस्य का पर्दाफाश किया जाए। गाँव के बुज़ुर्गों ने बहुत मना किया, लेकिन उनकी जिज्ञासा किसी चेतावनी से शांत नहीं हुई।

3. दरवाज़े तक की यात्रा

प्रिया और अर्जुन ने एक कैमरा, टॉर्च और आवाज़ रिकॉर्ड करने वाला डिवाइस लेकर जंगल की ओर रुख किया। रास्ते में पेड़ों की शाखाएं ऐसी लग रही थीं मानो वो उन्हें पकड़ रही हों।

जब वे रहस्यमयी दरवाज़ा के पास पहुंचे, तो वहां अजीब सी ठंडक महसूस हुई, जबकि मौसम गर्म था। हवा में एक अजीब सी सरसराहट थी और जैसे ही प्रिया ने दरवाज़े को छुआ — दरवाज़ा अपने आप खुल गया।

4. अंधेरे में समाया सच

अंदर घुप्प अंधेरा था, टॉर्च की रोशनी भी जैसे निगल ली जा रही थी। दीवारों पर पुरानी मानव आकृतियाँ बनी थीं। अचानक अर्जुन की टॉर्च बंद हो गई और एक भयानक चीख गूंजी — “तुम्हें नहीं आना चाहिए था!”

जब प्रिया ने मुड़कर देखा, अर्जुन वहां नहीं था।

यह कहानी अब महज़ डरावनी स्टोरी नहीं रह गई थी — यह अब एक भूतिया अनुभव बन चुकी थी।

5. समय का भ्रम

प्रिया ने जैसे ही कैमरे की रिकॉर्डिंग चेक की, वो हैरान रह गई। उसके हिसाब से वे वहां सिर्फ़ 10 मिनट रहे थे, लेकिन वीडियो में समय था — 3 घंटे 33 मिनट

इस दौरान कई डरावनी छवियाँ, फुसफुसाहटें, और एक परछाई बार-बार अर्जुन के पास दिख रही थी।

6. आत्मा का संदेश

एक कमरे में उसे एक पुरानी डायरी मिली, जिस पर लिखा था —

“मैं रागिनी हूँ, जिसने इस दरवाज़े को खोला था। अब मैं यहाँ से बाहर नहीं निकल सकती। जो भी आता है, उसका अंत यहीं होता है।”

प्रिया ने जब आवाज़ रिकॉर्डिंग चलाई, तो उसमें एक महिला की रोती हुई आवाज़ सुनाई दी —
“मेरी हड्डियाँ वहीं दबी हैं…”

7. दरवाज़े की आत्मा

रात के एक बजे, दरवाज़े के अंदर अचानक एक धुंध सी उठी और उसमें से एक स्त्री आकृति निकली — सफ़ेद साड़ी, उलझे बाल, और गहरे काले आंखें।

वो बोली:
“तू भी रुक जा… तू भी मेरी तरह ही जिज्ञासु है… लेकिन अब तू भी मेरी तरह अकेली रहेगी।”

8. भागने की कोशिश

प्रिया ने पूरी ताकत से दरवाज़े की ओर दौड़ लगाई, लेकिन दरवाज़ा अब दिख ही नहीं रहा था। चारों ओर सिर्फ़ दीवारें थीं — और वह स्त्री आत्मा बार-बार कह रही थी:
“मुझे किसी की कंपनी चाहिए… कोई हो जो मेरी चीखों को सुने!”

9. गाँव लौटने की राह

किसी तरह अगले दिन सुबह गाँव वाले उस खंडहर तक पहुंचे और उन्हें प्रिया बेहोश मिली। अर्जुन का कोई अता-पता नहीं था।

जब उसे होश आया, उसने एक ही बात दोहराई —
“दरवाज़ा बंद मत करना… वो बाहर आ जाएगी…”

10. आज भी ज़िंदा है वो दरवाज़ा

आज भी अंधेरे का दरवाज़ा वहीं है। गाँव वाले अब उस तरफ नज़र भी नहीं डालते।
जो लोग हॉरर स्टोरी इन हिंदी पढ़कर उसे मज़ाक समझते हैं, उनके लिए यह एक चेतावनी है —

“कुछ दरवाज़े जानने के लिए नहीं होते… सिर्फ़ दूर रहने के लिए होते हैं।”

अहमदाबाद प्लेन क्रैश लाइव: पूर्व मुख्यमंत्री के सवार होने की आशंका, एयरपोर्ट अस्थायी रूप से बंद

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हादसे का घटनाक्रम

12 जून 2025 की दोपहर करीब 1:17 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही थी, टेकऑफ के कुछ मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह विमान एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था जिसमें 240 से ज्यादा लोग सवार थे।

हादसा अहमदाबाद के मेघाणी नगर इलाके में हुआ, जो एयरपोर्ट के नजदीक है। चश्मदीदों ने जोरदार धमाके की आवाज सुनी और तुरंत आसमान में काले धुएं का गुबार उठता देखा।

राहत एवं बचाव कार्य

घटना की जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस और पुलिस बल मौके पर पहुंचे। दुर्घटनास्थल को चारों ओर से घेर लिया गया है और राहत और बचाव कार्य जारी है। स्थानीय लोगों को आसपास के क्षेत्र से हटाया गया है।

कौन थे विमान में सवार?

प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी संभवतः इस फ्लाइट में सवार थे। वे लंदन में अपने पारिवारिक कार्य के लिए जा रहे थे। हालांकि, अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है

अहमदाबाद एयरपोर्ट बंद

हादसे के चलते सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। सभी आने-जाने वाली उड़ानों को अन्य हवाई अड्डों की ओर डायवर्ट किया जा रहा है। यात्रियों को असुविधा न हो, इसके लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है।

सरकारी प्रतिक्रिया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात सरकार और राहत एजेंसियों से संपर्क किया है। उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
एयर इंडिया की ओर से एक बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि हादसे की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है और जांच एजेंसियां सक्रिय हो चुकी हैं।

दुर्घटना की जांच

इस हादसे की जांच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और एयर इंडिया की टेक्निकल टीम द्वारा की जा रही है। माना जा रहा है कि विमान पूरी तरह ईंधन से भरा हुआ था, जिससे आग लगने की तीव्रता ज्यादा हो सकती है।

मुख्य बिंदु सारांश

बिंदुविवरण
फ्लाइट नंबरAI171
रूटअहमदाबाद → लंदन गैटविक
विमान प्रकारबोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर
कुल सवार240+ यात्री और क्रू
हादसे का समयदोपहर 1:17 बजे, 12 जून 2025
दुर्घटना स्थलमेघाणी नगर, अहमदाबाद
VIP सवारपूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (अभी पुष्टि नहीं)
एयरपोर्ट की स्थितिअस्थायी रूप से बंद
जांचDGCA व एयर इंडिया टीमें सक्रिय

कुलदीप यादव की सगाई: निजी समारोह में मंगेतर वंशिका से कराई पहली मुलाकात

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भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख स्पिनर कुलदीप यादव ने हाल ही में अपनी सगाई की खुशी अपने प्रशंसकों के साथ साझा की है। यह खास मौका एक निजी समारोह के रूप में मनाया गया, जिसमें कुलदीप यादव ने पहली बार अपनी मंगेतर वंशिका को सभी के सामने पेश किया।

कुलदीप यादव की सगाई की खास बातें

कुलदीप यादव और वंशिका की सगाई की यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। फैंस इस जोड़ी को बधाई दे रहे हैं और उनकी खुशियों में शरीक हो रहे हैं। कुलदीप यादव की मंगनी की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम और ट्विटर पर जमकर साझा की जा रही हैं।

निजी समारोह में दोस्तों और परिवार के बीच सगाई

कुलदीप यादव की सगाई एक बेहद निजी और सीमित लोगों के बीच संपन्न हुई। इस समारोह में परिवार के करीबी सदस्य और कुछ दोस्त ही मौजूद थे। कुलदीप यादव अपनी पर्सनल लाइफ को अक्सर मीडिया से दूर रखते हैं, लेकिन इस खास मौके पर उन्होंने खुशी जाहिर की।

वंशिका और कुलदीप यादव की जोड़ी

वंशिका के साथ कुलदीप यादव की जोड़ी को फैंस खूब पसंद कर रहे हैं। उनकी लव स्टोरी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। कई क्रिकेट प्रेमियों ने उन्हें उनकी नई जिंदगी के लिए शुभकामनाएं दी हैं।

सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही सगाई

#KuldeepYadavEngagement और #कुलदीपयादवसगाई जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। फैंस और क्रिकेट कम्युनिटी इस नए रिश्ते को लेकर काफी उत्साहित हैं।

कुलदीप यादव की सगाई की यह खुशी उनके प्रशंसकों के लिए भी एक खुशी का मौका है। भारतीय क्रिकेटर की पर्सनल लाइफ में यह नया अध्याय उनके लिए सुखद और सफल हो, ऐसी कामना सभी करते हैं।

खान सर की शादी: पटना में रिसेप्शन के दौरान पत्नी ए.एस. खान के लाल लहंगे और घूंघट ने बटोरी सुर्खियाँ

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देश के सबसे चर्चित शिक्षकों में से एक, खान सर की शादी इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। हाल ही में आयोजित पटना वेडिंग रिसेप्शन में उन्होंने अपनी पत्नी ए.एस. खान को पहली बार सार्वजनिक रूप से लोगों से मिलवाया। इस मौके पर ए.एस. खान ने पारंपरिक रेड लहंगा और घूंघट पहनकर सबका दिल जीत लिया।

खान सर की पत्नी की पहली झलक बनी वायरल

रिसेप्शन में खान सर वाइफ इन रेड लहंगा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। उनके इस लुक ने लाखों फैंस को आकर्षित किया और हर कोई जानना चाह रहा है – “खान सर की बीवी कौन हैं?”

गणमान्य हस्तियों की मौजूदगी

Khan Sir Marriage News को और भी खास बना दिया बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और शिक्षा मंत्री सुनील कुमार की मौजूदगी ने। इस कार्यक्रम ने एक शिक्षक की लोकप्रियता को राजनीतिक और सामाजिक मंचों तक स्थापित कर दिया।

शादी क्यों रखी गई निजी?

Khan Sir Wedding 2025 को लेकर लोग हैरान थे कि इतनी बड़ी हस्ती ने अपनी शादी को निजी क्यों रखा। इस पर खुद खान सर ने बताया कि भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव और निजी सुरक्षा के कारण उन्होंने यह फैसला लिया। उन्होंने बाद में अपने छात्रों के लिए एक वीडियो संदेश के माध्यम से इस खबर की पुष्टि की।

सोशल मीडिया पर छाए #KhanSir

Khan Sir Wife Photo और उनकी रिसेप्शन की तस्वीरें इंस्टाग्राम और ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हैं। फैंस और शुभचिंतक लगातार बधाइयाँ दे रहे हैं और पोस्ट पर कमेंट्स में अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं।

जानिए क्यों है यह शादी खास?

इस शादी को खास बनाता है इसका संतुलन — जहां एक ओर पारंपरिकता (घूंघट और लहंगा) को सम्मान दिया गया, वहीं दूसरी ओर यह साबित हुआ कि एक शिक्षक भी अपने व्यक्तित्व से समाज पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। Khan Sir Viral Wedding Look ने यह दिखाया कि एक सादा और पारंपरिक अंदाज़ भी लाखों दिलों को छू सकता है।

खान सर की शादी और उनकी पत्नी ए.एस. खान का पारंपरिक रूप आज भी लोगों को सादगी और भारतीयता की याद दिलाता है। इस पूरे समारोह ने यह साबित कर दिया कि एक शिक्षक न केवल शिक्षा में बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी प्रेरणा बन सकता है।

लाइव स्ट्रीम के दौरान हिली ये भूतिया गुड़िया—देखने वालों की चीखें निकल गईं

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भूतिया-गुड़िया

रात के 12:03 बजे, एक लाइव स्ट्रीम चल रही थी। सब कुछ सामान्य लग रहा था—एक हल्का अंधेरा कमरा, एक मेज़ और उस पर बैठी एक पुरानी गुड़िया। अचानक, बिना किसी हवा के, वो भूतिया गुड़िया धीरे-धीरे हिलने लगी। स्क्रीन के दूसरी ओर बैठे हज़ारों दर्शकों की चीखें निकल गईं।

YouTube पर ये घटना एक सच में बदल जाने वाला डरावना सपना बन गई।

मयंक शर्मा: जिसे डर ने बदल दिया

मयंक शर्मा एक 26 वर्षीय यूट्यूबर था जो अपने हॉरर और एक्सपेरिमेंटल वीडियोस के लिए जाना जाता था। वो दिल्ली के बाहरी इलाके में रहता था और उसका चैनल “HauntStream India” रातों-रात वायरल हुआ था।

मयंक का जुनून था – भूतिया जगहों पर जाना, अजीब चीज़ों को कैमरे में कैद करना और असली डर दिखाना। लेकिन वो जो भी करता, स्क्रिप्टेड नहीं होता। और यही बात उसे औरों से अलग बनाती थी।

शापित गुड़िया की शुरुआत

ये सब तब शुरू हुआ जब एक दिन उसे एक पुरानी हवेली से एक कॉल आया। ये हवेली बिहार के एक सुदूर गांव बसहरी में थी, और गांववाले मानते थे कि वहां की एक गुड़िया शापित थी।

गांव के पुजारी ने मयंक से कहा:

“ये गुड़िया मत ले जाओ… पिछले 40 साल में जिसने भी इसे छुआ, वो या तो मर गया… या पागल हो गया।”

मयंक के लिए ये डरावना नहीं, बल्कि कंटेंट था।

लाइव स्ट्रीम की प्लानिंग

गुड़िया को दिल्ली लाकर उसने एक खास कमरा तैयार किया – साउंडप्रूफ, काले पर्दों वाला, बस एक टेबल और कैमरा।

मयंक ने इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर पोस्ट किया:
“कल रात 12 बजे… लाइव स्ट्रीम में दिखेगा असली डर। मैं इस शापित गुड़िया के साथ अकेला रहूंगा।”

उस दिन रात को 28,000 लोग लाइव जुड़े।

लाइव शुरू होती है…

रात 12:03 बजे। मयंक ने गुड़िया को टेबल पर रखा। कैमरे में वो साफ दिख रही थी। कुछ मिनटों तक कुछ नहीं हुआ। चैट में कमेंट्स आने लगे:

“भाई कुछ नहीं हो रहा…”
“Acting मत करो यार…”
“अरे! हिली क्या वो अभी??”

फिर, 12:17 पर… गुड़िया का सिर धीरे-धीरे बाईं ओर झुका। मयंक भी चौंक गया। उसने कैमरा चेक किया – कोई डोरी नहीं, कोई हवा नहीं। वो खुद भी थोड़ी देर चुप रहा।

12:21—गुड़िया की एक आंख धीरे से बंद हो गई।

12:24—कमरे की बत्ती हल्की-हल्की झपकने लगी।

12:27—गुड़िया के पीछे रखी घड़ी उल्टा चलने लगी।

लोग पागलों की तरह चैट में चीखने लगे। कोई कह रहा था कि उसके फोन की स्क्रीन ब्लैक हो गई। कोई बोल रहा था कि उसके कमरे में अजीब सी हँसी की आवाज़ आ रही है।

और फिर हिली वो…

12:32 बजे, बिना किसी स्पर्श के, गुड़िया पूरी तरह से घूमी और कैमरे की तरफ देखने लगी। उसकी आंखें चमक रही थीं।

फिर अचानक कैमरे की स्क्रीन काली हो गई।

कुछ सेकेंड्स बाद… कैमरे में मयंक जमीन पर गिरा हुआ दिखा। उसकी आँखें खुली थीं, पर वो हरकत नहीं कर रहा था। गुड़िया उसकी छाती पर रखी थी।

पोस्ट लाइव स्ट्रीम

अगले दिन यह वीडियो ट्रेंडिंग #1 पर था। बहुत से लोगों ने वीडियो की क्लिप रिकॉर्ड कर रखी थी, क्योंकि मयंक का चैनल खुद डिलीट हो गया था।

स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट किया कि मयंक को एम्स में भर्ती कराया गया, और वह 14 दिनों तक बेहोश रहा।

डॉक्टरों ने इसे “तंत्रिकीय सदमा” (neurological shock) बताया, लेकिन उसकी EEG रिपोर्ट्स में कुछ असामान्य इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एक्टिविटी पाई गई।

सच्ची घटनाओं से मिलती कहानी?

इस घटना ने लोगों को उस प्रसिद्ध “Annabelle” और “Robert the Doll” जैसी शापित गुड़ियों की याद दिला दी।

भारत में भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं:

  • 2004 में मुंबई में एक लड़की ने गुड़िया से बात करना शुरू कर दिया और बाद में उसने आत्महत्या कर ली।
  • 2011 में मध्यप्रदेश के एक मंदिर में बंद एक गुड़िया को छूने वाले 3 युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गए थे।

मयंक की कहानी को बहुत से लोग बनावटी मानते हैं, लेकिन जो लाइव थे… उनका अनुभव कुछ और कहता है।

दर्शकों की प्रतिक्रियाएं

कुछ लाइव दर्शकों ने Reddit और X (Twitter) पर अपने अनुभव साझा किए:

“मेरा WiFi अचानक बंद हो गया जब गुड़िया हिली।”
“मेरे कमरे में दरवाज़ा अपने आप बंद हुआ।”
“उस रात मैंने सपने में वही गुड़िया देखी… और अब तक डर लग रहा है।”

गुड़िया का क्या हुआ?

जब मयंक होश में आया, उसने उस गुड़िया को वापस गांव के पुजारी को भेजा। पुजारी ने उसे मंदिर में बंद कर दिया और उस जगह को पूरी तरह सील कर दिया गया।

आज भी वह मंदिर ‘गुड़िया वाला मंदिर’ के नाम से जाना जाता है, और वहां आम इंसानों को जाने की मनाही है।

क्या आप इस कहानी पर विश्वास करते हैं?
या आपको लगता है यह एक और डर फैलाने की तरकीब थी?

कमेंट करें, शेयर करें…
और अगली बार जब कोई गुड़िया आपको घूरती नज़र आए…
उसे कैमरे में रिकॉर्ड करने से पहले… दो बार ज़रूर सोचें!

RCB ने रचा इतिहास – पहली बार IPL की ट्रॉफी अपने नाम की!

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Rcb win ipl 2025

बेंगलुरु – लंबे इंतज़ार, कई उतार-चढ़ाव और फैंस की बेइंतहा मोहब्बत के बाद आखिरकार रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने वो कर दिखाया जिसका सभी को बरसों से इंतज़ार था। RCB IPL जीत 2025 में RCB ने पहली बार खिताबी जीत हासिल कर ली, और पूरे भारत में जश्न का माहौल बन गया।

फाइनल मैच में दिखा बेमिसाल प्रदर्शन

IPL 2025 का फाइनल मुकाबला हुआ वानखेड़े स्टेडियम, मुंबई में, जहां RCB का सामना हुआ राजस्थान रॉयल्स से। कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला किया।

मोहम्मद सिराज और यश दयाल की शानदार बॉलिंग ने राजस्थान को 151 रनों पर ही रोक दिया। जवाब में विराट कोहली और डु प्लेसिस की क्लासिक बैटिंग ने RCB को शानदार जीत दिलाई। कोहली ने नाबाद 68 रन बनाकर टीम को 19वें ओवर में ही जीत दिला दी।

‘ई साला कप नमदे’ हुआ सच!

RCB फैंस का सालों पुराना नारा — “ई साला कप नमदे” — आखिरकार हकीकत में बदल गया। 2009, 2011 और 2016 में फाइनल तक पहुंचने के बावजूद ट्रॉफी हाथ से फिसलती रही। लेकिन इस बार टीम ने हर बाधा को पार कर वो मुकाम हासिल कर लिया जो दशकों से सपना बना हुआ था।

विराट कोहली बोले: “आज हर फैन की जीत है”

जीत के बाद विराट कोहली की आंखों में खुशी के आंसू थे। उन्होंने कहा:

“ये जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं है, बल्कि उन करोड़ों फैंस की उम्मीदों का जवाब है, जो साल दर साल हमारे साथ खड़े रहे। आज उनका सपना पूरा हुआ है।”

RCB का विजयी सफर: कुछ अहम सितारे

  • विराट कोहली: पूरे सीजन में बेहतरीन फॉर्म में रहे।
  • फाफ डु प्लेसिस: शानदार कप्तानी और ओपनिंग बैटिंग।
  • ग्लेन मैक्सवेल: मैच विनिंग परफॉर्मेंस और फील्डिंग।
  • दिनेश कार्तिक और रजत पाटीदार: मिडिल ऑर्डर में स्थिरता।
  • सिराज और चहल: विकेट लेने वाले सबसे खतरनाक गेंदबाज।

सोशल मीडिया पर जश्न का तूफान

RCB की जीत के बाद ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #RCBChampions2025 ट्रेंड करने लगा। लाखों पोस्ट, मीम्स और वीडियो फैंस ने शेयर किए:

  • “अब मीम वालों को रिटायरमेंट लेना पड़ेगा!”
  • “RCB की ट्रॉफी देखी क्या? देख लो… आख़िर आ ही गई!”
  • “कोहली की मुस्कान और ट्रॉफी – इससे खूबसूरत कुछ नहीं।”

क्या IPL का अगला युग RCB का होगा?

RCB की ये जीत सिर्फ इतिहास नहीं, आने वाले भविष्य की झलक भी है। युवा खिलाड़ियों और सीनियर लीडर्स के तालमेल ने टीम को मजबूत बनाया है। अब देखना होगा कि क्या RCB इसी लय को अगले सीजन्स में भी बरकरार रख पाएगी।

निष्कर्ष: एक सपना, जो अब सच है

RCB की ये जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उस भरोसे की जीत है जो फैंस ने टीम में सालों तक बनाए रखा। आज RCB सिर्फ एक टीम नहीं, बल्कि एक भावना बन चुकी है।

“अब हर IPL फैन को ये मानना पड़ेगा — Ee Sala Cup सच में Namde!”