ख़ामोशी की आवाज़
राहुल को एक पुराना बंगला मिला था, जो शहर के बाहर घने जंगल के बीच स्थित था। शहर की भागदौड़ से दूर, यह जगह बिल्कुल सुनसान थी। राहुल को एकांत पसंद था, इसलिए उसने यह घर खरीद लिया। उसे किसी भूत-प्रेत पर विश्वास नहीं था, लेकिन यह घर उसे किसी रहस्य की ओर खींचता जैसा लग रहा था।
पहली रात जब राहुल सो रहा था, उसे कमरे के एक कोने से धीमी-धीमी फुसफुसाहट सुनाई दी। आवाज़ अस्पष्ट थी, जैसे कोई मन ही मन कुछ कह रहा हो। उसने सोचा शायद हवा का झोंका होगा, पर वह आवाज़ लगातार बढ़ती जा रही थी। अगले कई दिनों तक यही आवाज़ सुनाई देती रही। कभी-कभी ऐसा लगता जैसे कोई उसे देख रहा हो, लेकिन जब वह देखता, तो वहां कोई नहीं होता।
गांव में रहस्यों की खोज
राहुल ने तय किया कि वह इस आवाज़ का कारण जानने के लिए गांव में जाएगा। गांव के लोग उस घर के बारे में खुलकर बात नहीं करते थे, लेकिन एक बूढ़े व्यक्ति ने धीरे से बताया कि वहां एक लड़की सीमा की आत्मा भटकती है। सीमा की मौत कई साल पहले हुई थी और उसका केस कभी सुलझ नहीं पाया।

राहुल ने जब जांच की तो पता चला कि सीमा की हत्या एक जटिल साजिश का हिस्सा थी, जिसमें गांव के कुछ प्रभावशाली लोग शामिल थे। सीमा सच सामने लाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसकी आवाज़ दबा दी गई।
आत्मा से संपर्क
राहुल ने उस रात मोमबत्ती जलाकर सीमा की आत्मा से संपर्क करने की कोशिश की। अचानक कमरे में ठंडी हवा चली और एक धुंधली आकृति उभरी। वह सीमा थी, जो न्याय की तलाश में थी। उसने कहा, “मुझे मेरी मौत का सच पता लगाओ, तभी मैं शांति से जा पाऊंगी।”
राहुल ने फैसला किया कि वह सीमा की मदद करेगा। उसने पुलिस से संपर्क किया और पुराने सबूत इकट्ठे किए। धीरे-धीरे सच सामने आने लगा।
खतरा और सामना
सीमा की आत्मा की मदद से राहुल ने उन लोगों के खिलाफ सबूत जुटाए, जो उसके केस को दबाने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें डर था कि सच्चाई बाहर आ जाएगी। राहुल को धमकियां मिलने लगीं, लेकिन वह हिम्मत नहीं हारा।
रात को सीमा की आत्मा राहुल के साथ होती और उसे हिम्मत देती। एक दिन पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। गांव में फिर से शांति लौट आई।
राहुल को अब वह डरावनी आवाज़ें सुनाई नहीं देतीं, लेकिन कभी-कभी जब वह घर की खिड़की से बाहर देखता है, तो दूर से एक मीठी हंसी सुनाई देती है—सीमा की आत्मा की, जो अब शांति से अपने नए सफर पर है।