एकादशी व्रत कथा: श्रद्धा और मोक्ष की राह

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एकादशी व्रत क्यों है खास?

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहा जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन उपवास करने से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं और आत्मा को शांति मिलती है।

एकादशी की पौराणिक कथा (मुर्मासुर और भगवान विष्णु)

एक बार नारद जी ने भगवान विष्णु से पूछा,
“भगवन, एकादशी व्रत का क्या महत्व है?”

भगवान विष्णु ने उत्तर दिया:

प्राचीन समय में एक राक्षस था जिसका नाम था मुर्मासुर। वह देवताओं को परेशान करता था और स्वर्ग लोक तक को कष्ट देने लगा था। भगवान विष्णु ने उसका अंत करने का निर्णय लिया और उससे युद्ध करने लगे। युद्ध बहुत लंबा चला।

एक दिन भगवान थोड़े विश्राम के लिए एक गुफा में चले गए। तभी मुर्मासुर ने गुफा में घुसकर उन पर आक्रमण करने की कोशिश की। भगवान के शरीर से उसी समय एक तेजस्विनी देवी प्रकट हुई। उस देवी ने मुर्मासुर का वध कर दिया।

जब भगवान विष्णु जागे, तो उन्होंने देवी से पूछा,
“तुम कौन हो?”

देवी बोलीं, “मैं आपकी ही योगशक्ति हूं, और आज जो तिथि है, वही एकादशी कहलाएगी। इस दिन जो भी व्रत करेगा, उसे आपके लोक की प्राप्ति होगी।”

भगवान विष्णु ने आशीर्वाद देते हुए कहा:
“जो भी श्रद्धा से एकादशी का व्रत करेगा, उसे समस्त पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्त होगा।”

व्रत की विधि: एकादशी कैसे करें?

दशमी की रात से ही सात्विक भोजन करें, लहसुन-प्याज त्यागें।

एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करें।

दिनभर व्रत रखें — चाहे निर्जल या फलाहार।

पूजा में तुलसी दल जरूर अर्पित करें।

विष्णु सहस्रनाम, भगवद्गीता या एकादशी कथा का पाठ करें।

रात को जागरण करें या भजन-संकीर्तन में समय दें।

अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करें और जरूरतमंदों को दान दें।

एकादशी व्रत के लाभ

मानसिक तनाव से मुक्ति

आत्मिक शुद्धि और शांति

पूर्व जन्म के पापों का नाश

मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग

रोगों और शारीरिक कष्टों से राहत

वर्षभर की प्रमुख एकादशियाँ

मासशुक्ल पक्षकृष्ण पक्ष
चैत्रकामदा एकादशीपापमोचिनी एकादशी
वैशाखमोहिनी एकादशीवरूथिनी एकादशी
ज्येष्ठनिर्जला एकादशीअपरा एकादशी
आषाढ़पद्मिनी एकादशीयोगिनी एकादशी
श्रावणशयन एकादशीकामिका एकादशी
भाद्रपदपरिवर्तिनी एकादशीअजा एकादशी
आश्विनपापांकुशा एकादशीइंदिरा एकादशी
कार्तिकरमा एकादशीराम एकादशी
मार्गशीर्षमोक्षदा एकादशीउत्पन्ना एकादशी
पौषपुत्रदा एकादशीसफला एकादशी
माघषट्तिला एकादशीपुत्रदा एकादशी
फाल्गुनअमलकी एकादशीविजय एकादशी

एकादशी व्रत न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि मानसिक और शारीरिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी है। यह आत्मा की शुद्धि, आस्था की गहराई और मोक्ष की ओर एक कदम है। जो भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ यह व्रत करता है, उसे भगवान विष्णु की कृपा अवश्य प्राप्त होती है।