प्रयागराज (Prayagraj) में बसपा (BSP) विधायक राजू पाल हत्याकांड (Raju Pal Murder Case) में मुख्य गवाह उमेश पाल (Umesh Pal) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। एक सीसीटीवी (CCTV) फुटेज से पता चला है कि बदमाशों ने मात्र 47 सेकेंड में उमेश पाल को गोली मारकर मार डाला। फुटेज में दिखाई देता है कि 4 बजकर 56 मिनट 28 सेकंड पर बदमाशों ने पहली गोली दागी और 4 बजकर 57 मिनट और 15 सेकेंड पर उन्होंने वारदात को अंजाम दे दिया। इस घटना में उमेश पाल की गाड़ी के पीछे से ही बदमाशों ने गोलियां चलाई थीं।
सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि उमेश 4 बजकर 56 मिनट और 24 सेकेंड पर अपनी सफेद रंग की क्रेटा कार से घर के बाहर पहुंचे। वह पिछली सीट पर बैठे थे, जैसे ही वे गाड़ी से बाहर निकले तो एक बाइक सवार बदमाश वहां आ पहुंचा और उसने पिस्टल तान दी। वह कुछ समझ पाते ही, उससे पहले बदमाश ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। पहली गोली लगते ही उमेश जमीन पर गिर गए। तभी दूसरा बदमाश भी आ धमका। इसके बाद उसने भी गोलियां चलानी शुरू कर दी, इस दौरान एक गनर को भी गोली लग गई। गोली लगते ही वह भी जमीन पर गिर गए।
इलाज के दौरान हुई उमेश व गनर की मौत
यह बहुत ही दुखद खबर है कि बदमाशों ने उमेश पाल और उनके सुरक्षाकर्मियों पर इस तरह का हमला किया। विभिन्न मीडिया स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार, उमेश पाल और उनके सुरक्षाकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमें इस तरह के हिंसात्मक और दुष्ट कार्यों से बचना चाहिए और सुरक्षा को ध्यान में रखना चाहिए। समाज के हर व्यक्ति को इस तरह के हिंसात्मक क्रियाओं से खुद को बचाने के लिए जागरूक होना चाहिए।
यह एक दुखद घटना है जो उमेश पाल और उनके सुरक्षा कर्मियों के साथ हुई है। पुलिस द्वारा इस वारदात की जांच शुरू की गई है और इसमें डॉग स्क्वाड और फॉरेंसिक की टीम भी शामिल है। उमेश पाल के परिजनों ने पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद पर हत्या के आरोप लगाए हैं। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और अतीक अहमद तक की जाँच कर रही है। इस घटना से संबंधित नवीनतम खबरों के लिए स्थानीय मीडिया का सहारा लेना उचित होगा।
कचहरी से ही पीछे लग गए थे बदमाश
हाँ, यह वारदात एक तरह से योजनाबद्ध थी जिसमें बदमाशों ने अपनी प्लानिंग बनाकर अंजाम दिया था। उन्होंने यह भी ध्यान में रखा था कि कचहरी के बाहर होने के कारण वहां पुलिस की उपस्थिति ज्यादा होगी जिससे उन्हें अपनी घातक हमले को पूरा करने में मुश्किल न हो। इसलिए, वे उमेश पाल को उनकी कार से उतरते हुए हमला करने का फैसला लिया था। यह एक बहुत ही खतरनाक वारदात थी जिसे बदमाशों ने ठीक तरीके से योजनाबद्ध किया था।
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